केरला हाईकोर्ट ने समलैंगिक साथी से पुनर्मिलन के लिए दायर महिला की याचिका का किया निस्तारण, साथी ने कहा नहीं रहना चाहते, कोर्ट ने ख़त्म किया मामला
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- June 19, 2023
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केरला हाई कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के बाद एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (Habeas Corpus) याचिका का निस्तारण कर दिया।
याचिकाकर्ता का आरोप था कि उसके साथी के माता पिता व भाई ने ज़बरदस्ती उसे उसके साथी से अलग कर दिया है।
जस्टिस पीबी सुरेश कुमार और जस्टिस शोबा अन्नम्मा एपेन की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के साथी की प्रस्तुति के बाद मामले को ख़त्म किये जाने का फैसला किया।
याचिकाकर्ता ने कहा था कि वह और उसकी साथी समलैंगिक हैं। वह दोनों कुछ समय से एक साथ रह रहे थे। याचिकाकर्ता का आरोप था कि 30 मई 2023 को इस मामले में प्रतिवादी 5 से 7 जो कि उसके साथी के पिता, माता और भाई हैं मोबाइल शॉप में आए जहाँ याचिकाकर्ता और उसकी साथी काम कर रहे थे और ज़बरदस्ती उसके साथी को अपने घर लेकर चले गए। याचिकाकर्ता का आरोप था कि उसका साथी उपरोक्त प्रतिवादियों की अवैध हिरासत में है।
हालांकि याचिकाकर्ता की साथी ने कोर्ट के समक्ष इस बात को स्वीकार किया कि वह याचिकाकर्ता के साथ कुछ समय से रह रही थी लेकिन उसने कहा अब वह उसके साथ नहीं रहना चाहती। उसने कोर्ट से कहा कि वह अपनी इच्छा से अपने अभिभावकों के साथ रहना चाहती है।
याचिकाकर्ता की साथी ने कोर्ट से मांग की थी कि उसके कुछ डाक्यूमेंट्स याचिकाकर्ता के पास हैं जिसे वह वापस लेना चाहती है।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को बताया कि उसकी साथी ने अपनी प्रस्तुति में कोर्ट से कहा है कि अब वह उसके साथ नहीं रहना चाहती। कोर्ट के कहने पर याचिकाकर्ता ने अपने साथी के डाक्यूमेंट्स उसके हवाले कर दिए।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता के साथी के बयान के अलोक में याचिका का निस्तारण करते हुए मामले को ख़त्म किया जाने का आदेश दिया।
आदेश यहाँ पढ़ें –